ज्ञान की बातें -
१ घर में जूते चप्पल इधर - उधर बिखेरकर या उल्टे करके रखने चहिये, ईससे घर में अशांति उत्पन होती है ।
२ पूजा सुबह भूमि पर आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठकर करनी चाहिए । पूजा का आसन जुट अथवा कुश का हो तो उत्तम है ।
३ पहली रोटी गाय के लिए निकले । इससे देवता भी खुश होते हे और पितरो को शांति मिलती है ।
४ पूजा घर में सदेव जल का कलश भरकर रखे, जो जितना संभव हो, ईशान कोण का हिस्से में हो ।
५ आरती, दीप, पूजा, अग्नि, जैसे पवित्रता के प्रतिक साधनो को फंक मरकर नही बुझाए ।
६ मंदिर में धुप, अगरबत्ती व हवनकुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में ।
७ घर में कभी भी जाले न लगने दें ।
८ घर के मुख्यद्धार पर दांयी तरफ स्वस्तिक बनाये ।
९ सप्ताह में एक बार अवश्य समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोंछा लगाए ।
१० कोशिश करे कि सुबह के प्रकाश की किरणें सबसे पहले आपके पूजाघर तक जरूर पहुंचे ।
११ पूजाघर में अगर कोई प्रितिष्ठित मूर्ति है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करें ।
१ घर में जूते चप्पल इधर - उधर बिखेरकर या उल्टे करके रखने चहिये, ईससे घर में अशांति उत्पन होती है ।
२ पूजा सुबह भूमि पर आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठकर करनी चाहिए । पूजा का आसन जुट अथवा कुश का हो तो उत्तम है ।
३ पहली रोटी गाय के लिए निकले । इससे देवता भी खुश होते हे और पितरो को शांति मिलती है ।
४ पूजा घर में सदेव जल का कलश भरकर रखे, जो जितना संभव हो, ईशान कोण का हिस्से में हो ।
५ आरती, दीप, पूजा, अग्नि, जैसे पवित्रता के प्रतिक साधनो को फंक मरकर नही बुझाए ।
६ मंदिर में धुप, अगरबत्ती व हवनकुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में ।
७ घर में कभी भी जाले न लगने दें ।
८ घर के मुख्यद्धार पर दांयी तरफ स्वस्तिक बनाये ।
९ सप्ताह में एक बार अवश्य समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोंछा लगाए ।
१० कोशिश करे कि सुबह के प्रकाश की किरणें सबसे पहले आपके पूजाघर तक जरूर पहुंचे ।
११ पूजाघर में अगर कोई प्रितिष्ठित मूर्ति है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करें ।
राधा किशन
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