देश में बढ़ता दहेज प्रथा
देश में बढ़ता दहेज का दानव हमारे गरीब भाई बहनो की बेटियो पर जान लेवा का शिकार बन रहा है। आज के समाज में दहेज एक रस्म बन गया।,जिस रस्म को नही निभाया जाये तो उस घर की लड़की को समाज के ताने सुनने पड़ते है ,तथा परिवार को अपमानित होना पड़ता है ,और उस लड़की के विवाह में बहुत समस्या आती है , अगर उसकी शादी हो भी जाती है तो पूरी जिंदगी नरक की जिंदगी जीनी पड़ती है , एक तरफ तो लड़की को घर की लक्ष्मी कहते है, और उसी लड़की को घर का बोझ माना जाता है।
सारी जिंदगी लड़कियों को सिखाया जाता है की पति देवता होता है अपने घर की मान मर्यादा को कभी नही तोडना चाहिए ,हमेशा से ही लड़कियों दबाया जाता है ,उन पर सारी बंदीसे थोपी जाती है ,वो खुलकर हंस भी नही सकती है ,अपनी मन की भी नही कर सकती है ,
वो किसी को परेशानी बताती है तो कोई नही सुनता है। और बेचारी सब कुछ अकेली सहन है।
दहेज के लिए हमारे समाज में ऐसे भी लोग देखे है जो अपने से कम उम्र वाली गरीब परिवार की लड़की से विवाह करते है और कही तो एक की बजाए कितनी ही शादी करते है दहेज के लिए।
दहेज क्या है -दहेज को एक ऐसा मूल मंत्र बना दिया है जिसमे अपनी बहु ,बेटियो का सौदा करना या बेचना ही है, क्या …………।
सदियों से ही हर बार नारी की ही परीक्षा ली जाती है, ऐसा क्यों होता है ,त्रेतायुग में भी सीता मईया ने भी अग्नि परीक्षा दी थी ,अपनी पवित्रता के लिए।
आज हम अपनी बेटी को दहेज देकर भी भेजते है तो भी उसे नरक की जिंदगी जीनी पड़ती है और ना जाने ऐसी कितनी ही परीक्षाओ का सामना करना पड़ता है।
दहेज के कारण हमारी बेटियो को मार दिया जाता है ,कई तो उसे इस दुनिया में आने से पहले ही मार दिया जाता है ,कई फांसी लगाकर ,कई एसिड डालकर चेहरा जला दिया जाता है ,और कई तो जिन्दा जला दिया जाता ,इस दहेज की आग में ना जाने कितनी बेटिया जल चुकी है ,और ना जाने ये दहेज की आग कितनी ओर बेटियो को जलायेगी।
आज हमारे समाज में गरीब माँ बाप बेटियो के लिए तिलतिलाती धुप में जाकर मजदूरी करते है और अपनी बेटियो को दहेज देकर विदा करते है ,फिर भी उनकी आत्मा को शांति नही मिलती है ,क्योकि उनकी बेटिया खुश नही रह पाती है।
बलम जी की फरमाइश थी हीरो हौंडा गाड़ी
अब क्या करे ये नारी बेचारी……………
जरा सोचिए आपके घर में भी बेटिया व बहुऍ है। तो ना तो दहेज ले ,ना ही दे
कृपया करके दहेज को प्रोत्साहन ना दे।
राधे कृष्णा
देश में बढ़ता दहेज का दानव हमारे गरीब भाई बहनो की बेटियो पर जान लेवा का शिकार बन रहा है। आज के समाज में दहेज एक रस्म बन गया।,जिस रस्म को नही निभाया जाये तो उस घर की लड़की को समाज के ताने सुनने पड़ते है ,तथा परिवार को अपमानित होना पड़ता है ,और उस लड़की के विवाह में बहुत समस्या आती है , अगर उसकी शादी हो भी जाती है तो पूरी जिंदगी नरक की जिंदगी जीनी पड़ती है , एक तरफ तो लड़की को घर की लक्ष्मी कहते है, और उसी लड़की को घर का बोझ माना जाता है।
सारी जिंदगी लड़कियों को सिखाया जाता है की पति देवता होता है अपने घर की मान मर्यादा को कभी नही तोडना चाहिए ,हमेशा से ही लड़कियों दबाया जाता है ,उन पर सारी बंदीसे थोपी जाती है ,वो खुलकर हंस भी नही सकती है ,अपनी मन की भी नही कर सकती है ,
वो किसी को परेशानी बताती है तो कोई नही सुनता है। और बेचारी सब कुछ अकेली सहन है।
दहेज के लिए हमारे समाज में ऐसे भी लोग देखे है जो अपने से कम उम्र वाली गरीब परिवार की लड़की से विवाह करते है और कही तो एक की बजाए कितनी ही शादी करते है दहेज के लिए।
दहेज क्या है -दहेज को एक ऐसा मूल मंत्र बना दिया है जिसमे अपनी बहु ,बेटियो का सौदा करना या बेचना ही है, क्या …………।
सदियों से ही हर बार नारी की ही परीक्षा ली जाती है, ऐसा क्यों होता है ,त्रेतायुग में भी सीता मईया ने भी अग्नि परीक्षा दी थी ,अपनी पवित्रता के लिए।
आज हम अपनी बेटी को दहेज देकर भी भेजते है तो भी उसे नरक की जिंदगी जीनी पड़ती है और ना जाने ऐसी कितनी ही परीक्षाओ का सामना करना पड़ता है।
दहेज के कारण हमारी बेटियो को मार दिया जाता है ,कई तो उसे इस दुनिया में आने से पहले ही मार दिया जाता है ,कई फांसी लगाकर ,कई एसिड डालकर चेहरा जला दिया जाता है ,और कई तो जिन्दा जला दिया जाता ,इस दहेज की आग में ना जाने कितनी बेटिया जल चुकी है ,और ना जाने ये दहेज की आग कितनी ओर बेटियो को जलायेगी।
आज हमारे समाज में गरीब माँ बाप बेटियो के लिए तिलतिलाती धुप में जाकर मजदूरी करते है और अपनी बेटियो को दहेज देकर विदा करते है ,फिर भी उनकी आत्मा को शांति नही मिलती है ,क्योकि उनकी बेटिया खुश नही रह पाती है।
"पापा जी बंद कमरे में बंद है जी
बलम ने आग लगा दी जला के दियासलाई
ससुर जी की फरमाइश थी एक लाख रुपया भाई
सासु जी की फरमाइश थी गोदरेज की अलमारी
नन्द जी की फरमाइश थी दो हजार की साडी
सुन सुन इन तानो को हो गई में तंग
बलम ने आग लगाई जलाकर दियासलाई "
अब क्या करे ये नारी बेचारी……………
जरा सोचिए आपके घर में भी बेटिया व बहुऍ है। तो ना तो दहेज ले ,ना ही दे
कृपया करके दहेज को प्रोत्साहन ना दे।
राधे कृष्णा
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