Powered By Blogger

सोमवार, 14 सितंबर 2015


शायरी
  •  अपने ग़मों  की तु नुमाइस न कर ,अपने नसीब की यू आजमाइस न कर जो तेरा है वो खुद तेरे दर पे चल के आएगा रोज उसे पाने की ख्वाहिश न कर। 
  • मेरे दिल को अब किसी से गिला नही ,मन से जिसे चाहा वो मुझे मिला नही बदनसीबी कहु या वक्त अँधेरे में एक दीपक मिला पर वो भी जला नही।
  • रोये है बहुत तब जरा करार मिला है इस जहाँ में किसे सच्चा प्यार मिला गुजर रही है ,जिंदगी इम्तिहान के दौर में एक खत्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है। क्या पता किया लिखा है जिंदगी ने। ।
  • दूरिया ही दोस्तों को नजदीक लती है दूरिया ही एक दूजे की याद दिलाती है दूर रहकर करीब है दोस्त ,कितना दूरिया  ही इस बात का एहसास दिलाती है।
  • कोई जीता रहा और कोई मरता रहा 
  • कभी वादे के नाम पर पर ,कभी सौदे के नाम पर हम बेचे जाते है जाते है आज भी मोहब्बत के नाम पर 
  • गम न कर जिंदगी बहुत  बड़ी है चाहत की महफ़िल तेरे तेरे लिय सजी है बस एक बार मुस्करा कर देख तकदीर खुद तुझे से मिलने के लिए बाहर  है 
  •                                                 RK

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें